Koo बनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी माइक्रोब्लॉगिंग साइट, 5 करोड़ से ज्यादा बार किया गया डाउनलोड
Koo App: Koo दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी माइक्रोब्लॉगिंग साइट के रूप में उभर कर सामने आया है. प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की तरफ से काफी समय बिताए जाने और उनके जुड़ाव से बढ़िया तेजी देखी गई है.
Koo App: देश-दुनिया में वैसे को माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर इन दिनों चर्चाओं में बना हुआ है. लेकिन इसे पछाड़ने में Koo कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. Koo दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी माइक्रोब्लॉगिंग साइट के रूप में उभर कर सामने आया है. प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की तरफ से काफी समय बिताए जाने और उनके जुड़ाव से बढ़िया तेजी देखी गई है. मार्च 2020 में लॉन्च किए गए इस लेटफॉर्म ने हाल ही में 5 करोड़ डाउनलोड हासिल किए हैं और तरक्की के मामले में तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा है. कू ऐप एकमात्र भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट है, जो ट्विटर, गेट्ट्र, ट्रुथ सोशल, मैस्टडॉन, पार्लर जैसे अन्य वैश्विक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के साथ टक्कर ले रहा है और यूजर डाउनलोड के मामले में दूसरे स्थान (ट्विटर के बाद) पर है.
फिलहाल, कू ऐप संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, कनाडा, नाइजीरिया, यूएई, अल्जीरिया, नेपाल, ईरान और भारत सहित 100 से ज्यादा देशों में 10 भाषाओं में उपलब्ध है. लॉन्चिंग के बाद से कू ऐप ने प्लेटफॉर्म पर ट्रंसपेरेंसी और क्रेडिबिलिटी बढ़ाने के लिए 7,500+ येलो टिक ऑफ एमिनेंस और 1 लाख ग्रीन सेल्फ वेरिफिकेशन टिक दिए हैं. ये ज्यादा से ज्यादा नई वैश्विक भाषाओं को जोड़ने और अधिक देशों में डिजिटल स्वतंत्रता को सक्षम बनाने के लिए काम कर रहा है.
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Koo के CEO ने जताई खुशी
कू ऐप के सीईओ और सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, 'हम अपने यूजर्स से मिली प्रतिक्रिया से काफी खुश हैं और यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि अपने अस्तित्व में आने के बाद केवल 2.5 सालों के अंदर आज हम दुनिया में दूसरे सबसे बड़े माइक्रो-ब्लॉग हैं. लॉन्च के बाद से हमारे यूजर्स ने हम पर भरोसा किया है. उन्होंने न केवल हमें क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल अभिव्यक्ति को डेवलप करने और बढ़ाने का मौका दिया है, बल्कि मंच पर सार्थक चर्चा में शामिल होकर हमारे साथ विकसित हुए हैं. यह आम नागरिक के लिए वास्तविक सशक्तिकरण है. हम अपने प्रोडक्ट में सबसे पहले यूजर (यूजर-फर्स्ट) की मानसिकता के साथ निवेश करना जारी रखेंगे और भारत और दुनियाभर में यूजर्स के लिए डिजिटल स्वतंत्रता को आगे बढ़ाएंगे. अब तक हम कई देशों में उपलब्ध थे, लेकिन अब हम अपने मंच पर बड़े वैश्विक तबके को आमंत्रित करने में खुशहाल महसूस कर रहे हैं, ताकि वो ज्यादा व्यापक अनुभव का आनंद लें.'
आगे भी मिलती रहेंगी ये सुविधाएं
कू के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा, 'कू ऐप आज दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा माइक्रो-ब्लॉग है. वैश्विक स्तर पर माइक्रो-ब्लॉगिंग लैंडस्केप में हो रहे बदलावों को देखते हुए हम उन भौगोलिक क्षेत्रों तक विस्तार करना चाहते हैं, जहां मौलिक अधिकारों के लिए शुल्क लिया जा रहा है. हमारा मानना है कि इंटरनेट पर ऐसे बेसिक एक्विपनेंट की कोई कीमत नहीं होनी चाहिए. एक-दूसरे से सुरक्षित तरीके से जुड़ना और संचार करना या अपनी पहचान साबित करना एक मौलिक अधिकार है. कू ऐप ने हमेशा विशिष्ट शख्सियतों को एक मुफ्त येलो एमिनेंस टिक और हर नागरिक के लिए एक आसान सेल्फ-वेरिफिकेशन टूल प्रदान किया है और ऐसा करना जारी रखेंगे. हम गर्व से इस 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट्स के लिए एक बड़े वैश्विक तबके को आमंत्रित करने के लिए बहुत एक्साइटेड हैं.'
कू ऐप को बनाएंगे और भी बेहतर
‘सबसे पहले भाषा’ दृष्टिकोण को लेकर बनाए गए सभी को एकजुट करने वाला मंच होने के नाते, कू ऐप का मिशन समान विचारधारा वाले यूजर्स को उनकी पसंद की जुबान में जोड़ना है. एमएलके (मल्टी-लैंग्वेज कूइंग), लैंग्वेज कीबोर्ड, 10 भाषाओं में टॉपिक्स, भाषा अनुवाद, एडिट फंक्शन, कई प्रोफाइल फोटो और मुफ्त सेल्फ-वेरिफिकेशन जैसे फीचर्स इस मंच को यूनीक बनाते हैं और अपने यूजर्स को सार्थक चर्चा में जुड़ने की आजादी प्रदान करते हैं. आने वाले वक्त में, प्लेटफ़ॉर्म का मकसद यूजर्स के अनुभव को बेहतर करने की अपनी लगातार कोशिश के सिलसिले में और नए फीचर्स की घोषणा करना है.
Koo ऐप देता है शानदार अनुभव
कू ऐप (Koo App) मार्च 2020 में भारत में लॉन्च किया गया था और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मल्टीलिंगुअल माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म बन गया है. भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नया बदलाव लाने वाला कू ऐप लोगों को व्यापक भाषाई अनुभव देकर अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है. कू ऐप फिलहाल हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है. कू ऐप 5 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति की 7,500 से ज्यादा प्रतिष्ठित शख्सियतें कई भाषाओं में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का फायदा उठाती हैं. ऐप और वेब प्लेटफॉर्म के जरिए कू ऐप को दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में इस्तेमाल किया जाता है.
हाल ही लॉन्च हुए नए फीचर
10 प्रोफ़ाइल फोटो: यूजर्स अब मैक्सिम 10 प्रोफ़ाइल फोटो अपलोड कर सकते हैं. जब कोई यूजर की प्रोफ़ाइल पर जाता है तो ये तस्वीरें अपने आप चलने लगती हैं. ड्रैग एंड ड्रॉप फंक्शन के साथ इनका सीक्वेंस बदलना बेहद आसान है.
कू शेड्यूल करना: पावर क्रिएटर्स अब कू को फ्यूचर डेट और टाइम पर शेड्यूल कर सकते हैं. यह उन क्रिएटर्स के काम को आसान बनाता है जो एक ही बार में कई विचारों को लिखकर रखना पसंद करते हैं, लेकिन अपने फॉलोअर्स की फ़ीड में बेवजह ढेर सारा कंटेंट भेजने से बचने के लिए इसे अलग-अलग समय पर शेड्यूल करते हैं. यूजर्स शेड्यूल किए गए कू को एडिट या री-शेड्यूल भी कर सकते हैं.
ड्राफ्ट सेव करें: जो क्रिएटर्स किसी ड्राफ़्ट को पोस्ट करने से पहले उस पर काम करते रहना चाहते हैं, वे ड्राफ़्ट सेव करने वाले फंक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह उन्हें पोस्ट करने से पहले एडिट करते रहने की आजादी देता है.
कू को सेव करना: यूजर्स अब लाइक, कमेंट, री-कू या शेयर जैसे कॉमन रिएक्शन के बजाय एक कू पोस्ट को सेव कर सकते हैं. सेव किए गए कू केवल यूजर्स को दिखेंगे और उनके प्रोफ़ाइल पेज में उपलब्ध रहेंगे. यह उन यूजर्स के लिए यूजफुल है जो कू ऐप पर प्रतिक्रिया किए बिना अपने फेवरेट कू को वापस देखना चाहते हैं. यह फीचर किसी अन्य माइक्रो-ब्लॉग में उपलब्ध नहीं है.
12:48 PM IST